गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
कहाँ है ओ अनंत के वासी / गुलाब खंडेलवाल
2 bytes added
,
02:10, 2 जून 2009
प्रेम शक्ति के तार भले ही मैंने तुझ से बांधे
रह रह कर उठ रहे विवादी सुर भी उनसे आधे
नयनों के सम्मुख दिखती है मुझको अंध गुफा सी
Vibhajhalani
2,913
edits