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बाल कविताएँ / भाग 11 / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
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09:42, 20 जून 2009
मुर्गे जी कुकड़ू-कूँ बोले ।<br>
पंख कबूतर ने
हट
झट
खोले ॥<br>
‘कुहू-कुहू’ जब कोयल बोली ।<br>
Rameshwarkambojhimanshu
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