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वार्ता:अँगना में रौरा मचाइल चिरैयाँ सत / खड़ी बोली
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09:51, 20 जून 2009
यह गीत खड़ी बोली का नहीं है ; अत: इसे हटाकरदूसरे वर्ग [ भोज्पुरी या मैथिली जो भी हो ]
मे,न
में
रखें ।
-रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
rdkamboj@gmail.com
Rameshwarkambojhimanshu
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