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वार्ता:अँगना में रौरा मचाइल चिरैयाँ सत / खड़ी बोली

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यह गीत खड़ी बोली का नहीं है ; अत: इसे हटाकरदूसरे वर्ग [ भोज्पुरी या मैथिली जो भी हो ]में रखें । -रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' rdkamboj@gmail.com