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पपीहा बोलि जारे / पढ़ीस
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15:22, 19 अगस्त 2009
पपीहा बोलि जा रे!
पपीहा डोलि जा रे!
'''शब्दार्थ :
बइरी = बैरी, दुश्मन, शत्रु।
</Poem>
अनिल जनविजय
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