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21:21, 21 अगस्त 2009 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सरोज परमार
|संग्रह=समय से भिड़ने के लिये / सरोज परमार
}}
[[Category:कविता]]
<poem>पथराई गली पर बूटों की
खिट खिट निरंतर
टिक टिक टप टप हुम्म
बोझा ढोते खच्चर
कुछ आवाज़ें टिटकराने की
कुछ फुसफुसाहतें
कुछ दबी-घुटी हंसी
ओसारे में सोई चिढ़िया की
नींद में ख़लल डालती है।</poem>