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अतीत का कोहरा ...... / हरकीरत हकीर
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17:19, 22 अगस्त 2009
सपनो के चाँद पर
उड़ते रहे वहशी बादल
इक खुशनुमा रंगीन जी़स्त<ref>
३)
जिंदगी</ref>
बिनती है बीज दर्द के
मन के पानी में
Shrddha
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