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बदगुमाँ हम से हो गया कोई / परमानन्द शर्मा 'शरर'
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01:11, 8 सितम्बर 2009
शम्मे-बेमितर को ख़बर न हुई
जान से हाथ धो गया कोई
लाश को देख कर `शरर'की कहा
रोते-रोते है सो गया कोई
</poem>
द्विजेन्द्र द्विज
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