{{KKRachna
|रचनाकार=अली सरदार जाफ़री
|संग्रह=मेरा सफ़र / अली सरदार जाफ़री
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<poem>
'''अल्अ़तश'''<ref>हाय पानी,हाय प्यास</ref>
अल्अ़तश
ख़ून से सुर्ख सुर्ख़ सूरज हैं नेज़ो पे सर
सुर्ख़ हैं शह्रे-मज़लूम के बामो-दर
शब के सीने में ख़ंजर है रंगे-सहर