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रात अन्धेरी में पहाड़ी की डरौनी मूर्ति / बाबू महेश नारायण
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रात अन्धेरी में पहाड़ी की डरौनी मूर्ति
कैफ़ियत एक मनोहर थी वह पैदा करती-
:
::एक कैफ़ियत मनोहर
:
::देखें तो होवें शशदर
::
::सुन्दर भयंकर।
दरख़्तों की हू हू, पबन की लपट,
निशा मय प्रकृति वो कर्कश समय
अनिल जनविजय
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