Changes

आस होगी न आसरा होगा / बशीर बद्र

26 bytes removed, 14:45, 4 अक्टूबर 2009
|रचनाकार=बशीर बद्र
}}
[[Category:गज़ल]]{{KKCatGhazal}}
<poem>
आस होगी न आसरा होगा
नाम हम ने लिखा था आँखों में
आंसूओं आँसुओं ने मिटा दिया होगा
आसमाँ भर गया परिंदों से
पेड़ कोई हरा गिरा होगा
कितना दुश्वार <ref>कठिन</ref> था सफ़र उस कावो सर-ए-शाम <ref>शाम होते ही</ref> सो गया होगा दुश्वार = कठिन ; सर-ए-शाम = शाम होते ही
</poem>
{{KKMeaning}}
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
3,286
edits