Changes

पर ये चरण, कौन कहता है
अपनी गति में रुक जावेंगे,
जिन प्र पर अग-जग झुकता है
वे मेरे खातिर झुक जावेंगे?
अर्पण? और उधार करूँ मैं?
’हारों, ’हारों’ का यह दाम? लुटी मैं!
यह चरण ध्वनि धीमे-धीमे!
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits