गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
छोड़ना / प्रेमरंजन अनिमेष
18 bytes added
,
12:43, 22 अक्टूबर 2009
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
अंधेरे में ही टटोलीं उसने चप्पलें<br>
हाथ में ली औचक बत्ती<br>
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits