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दो सख़्त खुश्क़ रोटियां कब से लिए हुए
पानी के इन्तिज़ार, में बैठा हुआ हूँ मैं
लादी लाठी उठा के घाट पे जाने लगे हिरन
कैसे अजीब दौर में पैदा हुआ हूँ मैं