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हम बहेंगे / चंद्र रेखा ढडवाल

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'''हम बहेंगे'''
हम नहीं अड़ेंगे
पागल साँड ़सी -सी बिफरती भीड़ के सन्मुख
बाढ़ होती नदी के सन्मुख
सुदिशा के लिए. 
हम बहेंगे
स्वप्न हो निद्राओं में