Changes

गूँजी गूँजी गूँजी / गगन गिल

17 bytes added, 09:27, 24 दिसम्बर 2009
|संग्रह=थपक थपक दिल थपक थपक / गगन गिल
}}
{{KKCatKavita}}<poem>
गूँजी गूँजी गूँजी
 
सपन से चीख़ निकल कोई गूँजी
 
लौटा लौटा लौटा
 
आँख का पानी अंदर लौटा
 
मैला मैला मैला
 
जो दिन भर धोया रात में मैला
 
फैला फैला फैला
 
छिपा काग़ज़ का दुख कोई फैला
 
संकरा संकरा संकरा
 
साँस का रस्ता बड़ा ही संकरा
 
भूली भूली भूली
 
बात से रोई नींद में सोई
 
गूंगी गूंगी गूंगी
 
पीर ये अपनी अंधी गूंगी
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits