गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
परिवर्तन / नरेश सक्सेना
25 bytes added
,
05:16, 5 जनवरी 2010
|संग्रह=समुद्र पर हो रही है बारिश / नरेश सक्सेना
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
बरसों से बंद पड़ी हवेली में
कोई नहीं आया था
एक दिन आई आंधी
उसके साथ आई धूल
सूखे हुए पत्ते और तिनके और काग़ज़ के टुकड़े
पूरी हवेली एक अजीब ताज़गी से भर गई।
</poem>
Dkspoet
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits