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01:41, 20 जनवरी 2010 ''मुझे इस गीत की कुछ ही पंक्तियाँ स्मरण हैं जो इस प्रकार हैं ;''
ओ म्हारो छप्पन्हियो काल्ड
फेरो मत अज भोल्डी दुनियाँ में.
बाजरे री रोटी गंवार की फल्डी
मिल जाये तो बात है घणी
म्हारो छपप्नीयो काल्ड
फेरो अज भोल्डी दुनियाँ में.