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छपनिया काल रे छपनिया काल / राजस्थानी
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08:52, 20 जनवरी 2010
बाजरे री रोटी गंवार की फल्डी
मिल जाये तो
बात है घणी
वह ही भली
म्हारो
छपप्नीयो
छप्पन्हियो
काल्ड
फेरो अज भोल्डी दुनियाँ में.
Sharda monga
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