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नई शुरूआत / अरुण देव

3 bytes added, 15:42, 7 मार्च 2010
एक दिन गली बुहारी जाए
नाली साफ साफ़ की जाए
पर उससे पहले मन के कपट को आँसुओं से धो लिया जाए
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