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मेरा मींजा दिल / रघुवीर सहाय
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19:14, 7 मार्च 2010
इस डर से कि बस रुक जाएगी
आवाज जहां
आवाज़ जहाँ
मैं दे दूँगा
मैं सुनता था। कोई छू ले कहीं
मेरी पीठ नहीं- आना जाना लोगों का
अनिल जनविजय
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