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अब आए या न आए / साहिर लुधियानवी
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16:30, 20 मार्च 2010
किस मंज़िल-ए-मुराद की जानिब रवाँ हैं हम
ऎ
ऐ
रहरवान-ए-ख़ाक बसर पूछते चलो
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Sandeep Sethi
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