{{KKRachna
|रचनाकार=ग़ालिब
|संग्रह= दीवाने-ग़ालिब / ग़ालिब
}}
[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>सरापा<ref>सिर से पांव तक</ref> रहने-इशक़ोइश्क़<ref>प्रेमपर अर्पित</ref>-धरोहरओ<ref>और</ref> -नागुज़ीरे-उल्फ़ते-हस्ती<ref>अवश्यम्भावी जीवन-प्रेमके सामने असहाय</ref> इबादत बरक़<ref>बिजली</ref> की करता हूं और अफ़सोस हासिल<ref>खेतफसल</ref> का
बक़दरे-ज़रफ़<ref>सामर्थ्य के अनुसार</ref> है साक़ी ख़ुमारे-तश्नाकामी<ref>प्यास का नशा</ref> भी
जो तू दरिया-ए-मै<ref>शराब की नदी</ref> है, तो मैं ख़मियाज़ा<ref>अंगड़ाई, अंत</ref> हूं साहिल का</poem>
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