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11:10, 27 अप्रैल 2010 घर संसार में घुसते ही<br />
पहिचान बतानी होती है<br />
उसकी आहट सुन<br />
पत्नी बच्चे पूछेंगे 'कौन?'<br />
'मैं हूं' वह कहता है<br />
तब दरवाजा खुलता है.<br />
<br />
घर उसका शिविर<br />
जहॉं घायल होकर वह लौटता है.<br />
<br />
रबर की चप्पल को<br />
छेद कर कोई जूते का खीला उसका तलुआ छेद गया है.<br />
पैर से पट्टी बॉंध सुस्ता कर कुछ खाकर<br />
दूसरे दिन अपने घर का पूरा दरवाजा खोलकर<br />
वह बाहर निकला<br />
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अखिल संसार में उसकी आहट हुई<br />
दबे पॉंव नहीं<br />
खॉंसा और कराहा<br />
'कौन?' यह किसी ने नहीं पूछा<br />
सड़क के कुत्ते ने पहिचानकर पूंछ हिलाई<br />
किराने वाला उसे देखकर मुस्कुराया<br />
मुस्कुराया तो वह भी.<br />
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एक पान ठेले के सामने<br />
कुछ ज्यादा देर खड़े होकर<br />
उधार पान मॉंगा<br />
और पान खाते हुए<br />
कुछ देर खड़े होकर<br />
फिर कुछ ज्यादा देर खड़े होकर<br />
परास्त हो गया.<br />
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