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उजालों की परियाँ / बशीर बद्र
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16:43, 20 मई 2010
*[[यूँ ही बेसबब न फिरा करो / बशीर बद्र]]
*[[मुहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला / बशीर बद्र]]
*[[सोचा नहीं अच्छा
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बुरा देखा सुना कुछ भी नहीं / बशीर बद्र]]
*[[कभी यूँ भी आ / बशीर बद्र]]
*[[रात इक ख़्वाब हमने देखा है / बशीर बद्र]]
द्विजेन्द्र द्विज
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