Changes

हत्यारे / मुकेश मानस

177 bytes added, 05:23, 23 मई 2012
{{KKGlobal}}
{{KKRachna|रचनाकार=मुकेश मानस|संग्रह=पतंग और चरखड़ी / मुकेश मानस }} {{KKCatKavita}}
<poem>
'''हत्यारे'''
मैं हैरान हूं
दुनिया भर में अरबों अनगिनत बच्चे
गूंगे क्यों हो रहे हैं?
1999
<poem>
19
edits