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न हसरत हो कोई न सपना ऐ दुनिया / मधुभूषण शर्मा 'मधुर'
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09:55, 5 जून 2010
मेरे दिल से सीखो तड़पना ऐ दुनिया
वो रिश्ता
ज़रा जोड़ ले ज़िन्दगी से
वो रिश्ता
अगर कोई चाहे बिखरना ऐ दुनिया
द्विजेन्द्र द्विज
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