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15:12, 11 जून 2010 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=सर्वत एम जमाल
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<poem>
आज कल जिसके पास दौलत है
सच तो ये है उसी की इज्जत है।
एक गिरती हुई इमारत है
यह वतन , नाम जिसका भारत है।
आप ख़ुद चल के आए मेरे पास
बोलिए ऐसी क्या जरूरत है।
सबको सच्चाई का पता है मगर
किसमे सच बोलने की हिम्मत है।
मुल्क से मैं भी प्यार करता हूँ
हाँ , मेरे साथ , ये बुरी लत है।
किसका चेहरा है मेरे चेहरे पर
आइने में अजीब सूरत है। </poem>
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