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अस्वीकरण
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चारागर हार गया हो जैसे / परवीन शाकिर
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21:37, 13 जून 2010
रूह पर दस्त ए सबा हो जैसे
यूँ बहुत
हंस
हँस
के मिला था लेकिन
दिल ही दिल में वो ख़फ़ा हो जैसे
अनिल जनविजय
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