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तेरे कूचे को वोह बीमारे-ग़म दारुश्शफ़ा समझे / ज़ौक़
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20:41, 20 जून 2010
<poem>
तेरे कूचे को वोह बीमारे-ग़म
दारुश्शफ़ा
दारुलशफा
<ref>आरोग्य मंदिर </ref> समझे
अज़ल<ref>यमराज </ref> को जो तबीब <ref>वैद्य,चिकित्सक </ref> और मर्ग <ref> मृत्यु</ref> को अपनी दवा समझे
Gaurav Sharma
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