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<poem>
तेरे कूचे को वोह बीमारे-ग़म दारुश्शफ़ादारुलशफा<ref>आरोग्य मंदिर </ref> समझे
अज़ल<ref>यमराज </ref> को जो तबीब <ref>वैद्य,चिकित्सक </ref> और मर्ग <ref> मृत्यु</ref> को अपनी दवा समझे