794 bytes added,
08:46, 29 जून 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रेणु हुसैन
|संग्रह=पानी-प्यार / रेणु हुसैन
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
छत पर टांग दिया है अम्बर
दिवारों पर रंग नया
तस्वीरें कुछ सुंदर-सुंदर
खिड़की पर मनभावन पर्दा
फ़र्श चमाचम शीशे जैसा
सेज सजाई प्यार-सी कोमल
फूलदान में ताजे फूल
खूब सजाया कमरा अपना
फिर भी मन के इक कोने में
कोई मकड़ी बना रही है
अपना जाल
<poem>