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कोऊ कलंकिनि भाखत है कहि / भारतेंदु हरिश्चंद्र
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07:01, 10 जुलाई 2010
कोऊ कलंकिनि भाखत है कहि
::::कामिनिहू कोऊ नाम धरैगो ।
त्रासत हैं घर के
सिदरे
सिगरे
अब
::::बाहरीहू तो चवाव करैगो ।
दूतिन की इनकी उनकी
अनिल जनविजय
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