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14:08, 22 अगस्त 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=मुकेश मानस
|संग्रह=काग़ज़ एक पेड़ है / मुकेश मानस
}}
{{KKCatKavita
}}
<poem>
राजा राजा
हाँ मेरे बाजा
तेरी नगरी में चोर
पकड़ लो
पकड़ लिया
राजा राजा
हाँ मेरे बाजा
तेरी नगरी में चोर
बाँध लो
बाँध लिया
राजा राजा
हाँ मेरे बाजा
तेरी नगरी में चोर
जेल में डालो
डाल दिया
राजा राजा
हाँ मेरे बाजा
तेरी नगरी में चोर
फांसी झुलाओ
झुला दिया
राजा राजा
हाँ मेरे बाजा
तेरी नगरी खाली
वाह मेरे बाजा
इसी बात पर हो जाए ताली
1992, पुरानी नोटबुक से
<poem>