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अब मेरे नाम की खुशी है कहीं / संकल्प शर्मा
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15:11, 30 अगस्त 2010
ज़िन्दगी फ़िर भी क्यूँ थमी है कहीं।
जिसकी
ख़्वाहिश
हसरत
फ़रिश्ते करते हैं,
सुनते हैं ऐसा आदमी है कहीं।
Aadil rasheed
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