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12:20, 4 सितम्बर 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=ओम पुरोहित ‘कागद’
|संग्रह=आदमी नहीं है / ओम पुरोहित ‘कागद’
}}
{{KKCatKavita}}
<Poem>
गिद्ध की जगह
बाज आ जाए
यदि ये ही परिवर्तन है
तो
जीने का इच्छुक
बेचारा जीव
अपना गोश्त
कैसे बचाए?