कहीं उठ रहा है धुआँ
कहीं लगी है आग
देखिए ना कैसाहै कोलाहलकैसी है भागमभाग मान्यवरइलेक्ट्रानिकी मामला हैकौन कहता है धरती शस्य श्यामला हैआज ही की बात हैकई सौ मारे गएबंकर में छुपे थेबिलों में जैसे चूहेमान्यवरबिखर गई है उनकी कायावैसे तो दुनिया ही माया हैकरमों का भोग था जिसका जैसाउसने वैसा ही पाया हैकिसी का हाथ यहाँ गिरा हैकिसी का पैर वहाँ हैकिसी का सिर्फ़ धड़ हैतो किसी का सिर्फ़ माथाकोई है किसी की माँ-बहनकोई है किसी का पिता, किसी का बेटाकोई किसी का प्रेमी होगाकोई होगी किसी की प्रियतमादोनों ने देखा होगा साथ-साथइसी दुनिया का एक हसीन सपना मान्यवरसब आपका ही प्रताप हैआपका ही आशीर्वाद है, अभिशाप हैकिसी का कर्ज माफ़ कर दिया हैतो किसी को किया मालामाल है ?जो भी आपके साथ हैउसी की ख़ुशियाँ हैं उसी का वसंत हैजो आपके साथ नहीं हैवही दुखी है उसका दुःख अनंत है मान्यवरसभी आपसे डरते हैंथर-थर काँपते रहते हैंकोई ताल ठोंक कर देता है आपका साथकोई मन ही मन मानत है आपका रोब-दाबआप अगर कुछ ठानते हैंउसे पूरा करके ही दूसरे मानते हैंआप अगर होते हैं उदसतो दूसरे रो देते हैं अनायासआप मुस्कुराते हैंतो दूसरे खिलखिलाते हैं मान्यवरआपने कहा युद्धसभी हो गए साथ सभी हो गए क्रुद्धसबने अपनी सेवाएँ अर्पित कींनिष्ठा और भक्ति समर्पित कीकिसी ने टैंक भेजाकिसी ने विमानसभी ने सेनाएँ भेजींसभी ने भेजे अपने-अपने देश के जवानछोड़ दी हैं सबने अपनी-अपनी आन-बान-शानदेखिए हुज़ूर हमने भी दिया ईंधननहीं सुना मानवता का क्रंदन मान्यवरकिन्तु एक बात हैकहीं-कहीं प्रतिघात हैजगह-जगह निकल रहे हैं जुलूसजगह-जगह हो रहे हैं प्रदर्शनसरकार साथ है तो जनता ख़िलाफ़ हैहवा का रुख़ बदल रहा हैयह बात तो साफ़ हैनहीं मान रहे हैं लोग अपनी काबिलियतआज भी बची हुई है आदमीयत
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