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08:32, 29 सितम्बर 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=लीलाधर मंडलोई
|संग्रह=लिखे में दुक्ख / लीलाधर मंडलोई
}}
<poem>
बचपन में सुनी थी
रानी दीमक की कहानी
रानी दीमक यानि रानी मां
मां हम सबकी भी
लेकिन रानी नहीं
न पति के राज में
न उसके बाद
उसके लिए तो
वृंदावन धाम जलता हुआ
जहां कृष्ण बांसुरी बजाता है