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09:03, 29 सितम्बर 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=लीलाधर मंडलोई
|संग्रह=लिखे में दुक्ख / लीलाधर मंडलोई
}}
<poem>
वह बुश के समय की किताब है
इसमें नहीं है
कोई दुक्ख
कोई अंधेरा
इसमें क्या है ?
जानते हैं जो लोग
वे चमकदार अंधेरा चाहते हैं