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बारूद में जो ढल गए हैं / मनोज श्रीवास्तव
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10:35, 1 अक्टूबर 2010
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''' बारूद में जो ढल गए हैं '''
बिखरे हैं जो कचरे सरे बाज़ार में
लाइन लगी है उनके लिए सौ कतार में
Dr. Manoj Srivastav
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