गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
यह मौन भी मौन कहाँ / बलदेव वंशी
405 bytes added
,
08:43, 7 अक्टूबर 2010
''' यह मौन भी मौन कहाँ '''
तनाव अवर भय के
मंथर मंथर हिलाते
तालाब के बंधे जल के
नीचे
युगों युगों से
एक चीत्कार
मौन में थमा हुआ है!
शिव
और विष
और गंगावतरण का मिथक
तब से संगत बना हुआ है!...
Dr. Manoj Srivastav
635
edits