Changes

नियम / लोग ही चुनेंगे रंग

777 bytes added, 09:45, 10 अक्टूबर 2010
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लाल्टू |संग्रह=लोग ही चुनेंगे रंग / लाल्टू }} <poem> त…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=लाल्टू
|संग्रह=लोग ही चुनेंगे रंग / लाल्टू
}}
<poem>

तकिया अच्छा नहीं है
चादर साफ नहीं
पुस्तक जो बिस्तर के पास है
उस पर धूल की तह है.

बिस्तर के पार कमरे का शून्य
जिसे भरने की कोशिश में

आलमारी मेज़ जैसी चीज़ें.

कमरे और कमरे के बाहर का शून्य
जोड़कर बनता है विश्व शून्य.

बढ़ता ही रहता है शून्य.
778
edits