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तस्वीरें / राजेश चड्ढ़ा
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23:08, 22 अक्टूबर 2010
<poem>तस्वीरें
चिपकी रहती हैं
दीवारों पर ।
जब कभी
उन से ,
लिपट जाती हैं
स्मृतियां ,
बोलने लगती हैं
तस्वीरें ।</poem>
Neeraj Daiya
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