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08:52, 29 अक्टूबर 2010 KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=मनोज भावुक
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[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>
अब त हर वक्त संग तहरे बा
दिल के कागज प रंग तहरे बा
जे तरे मन करे उड़ा लऽ तू
डोर तहरे , पतंग तहरे बा
तोहसे अलगा भला दहब कइसे
धार तहरे , तरंग तहरे बा
साँच पूछऽ त हमरा गजलन में
छाव तहरे बा, ढ़ंग तहरे बा
<poem>