Last modified on 12 अप्रैल 2012, at 12:24

अब त हर वक्त संग तहरे बा / मनोज भावुक

अब त हर वक्त संग तहरे बा
दिल के कागज प रंग तहरे बा

जे तरे मन करे उड़ा लऽ तू
डोर तहरे , पतंग तहरे बा

तोहसे अलगा भला दहब कइसे
धार तहरे , तरंग तहरे बा

साँच पूछऽ त हमरा गजलन में
छाव तहरे बा, ढ़ंग तहरे बा