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मेरा घर / विनोद स्वामी

129 bytes added, 15:21, 31 अक्टूबर 2010
{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार= विनोद स्वामी |संग्रह=}}{{KKCatKavita‎}}<poemPoem>पिछली बरसात में
रोया
मेरा घर
जर्जर
पर
कितनी है तगड़ी।तगड़ी ।
</poem>
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