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आते ही पहली तारीख़ / रमेश रंजक
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15:21, 5 नवम्बर 2010
चूल्हे की गर्मी के वास्ते
जाना है चार-पाँच मील
महँगाई के बुखार में
चीज़ें ही भरमाती हैं
अनिल जनविजय
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