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आसार-ए-कदीमा/जावेद अख़्तर
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08:20, 12 नवम्बर 2010
लोग कहते है की सदियों पहले
आज सहारा है जहां
वहीँ एक
सहर
शहर
हुआ करता था
और मुझको ये ख्याल आता है
किसी तकरीब <ref>समारोह</ref>
आशिष पुरोहित
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