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रमत ! / कन्हैया लाल सेठिया
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06:54, 25 नवम्बर 2010
आं दो री सैन सागै
सै ढ़बे
अै
ए
जठे ढ़ाबै
करै आ री ही परकरमां
छऊँ रितुवां
आशिष पुरोहित
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