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रमत ! / कन्हैया लाल सेठिया

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आभै नै पटक‘र
दाबलै
बगत नै बिलमा‘र
राखलै
हाल कोनी जलम्या इस्या
नखतरी कविया‘र का‘णीकार
पाणी‘र पून
माटी‘र अगन
सै बगै
आं दो री सैन सागै
सै ढ़बे
ए जठे ढ़ाबै
करै आ री ही परकरमां
छऊँ रितुवां
ऐ ही फूलै‘र फळै
पाचै‘र गळै
घलै सिस्टी रै घर में
आं रै घाल्योड़ो लूण
आं दो री रमत आ
आखी जीवा जूण !