Changes

उड़ीक / मदन गोपाल लढ़ा

38 bytes removed, 17:49, 16 अक्टूबर 2013
{{KKRachna
|रचनाकार=मदन गोपाल लढ़ा
|संग्रह=म्हारी पाँती म्हारै पांती री चितावां चिंतावां / मदन गोपाल लढ़ा
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]{{KKCatRajasthaniRachna}}
{{KKCatKavita‎}}
<Poem>
 
अब छोड़ो भाईजी !
कुण गिनरत करै
म्हारी पीड़ परखणियो आवै
भलांई आभै सूं।
 
 
</Poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,148
edits